जनता कर्फ्यू और रामायण… कोई कनेक्शन?
जब 22 मार्च इतवार को जैसे ही ५ बजे, लोगों ने तालिआं बजानी और शंख फूंकना शुरू किया तो एक दम उत्सव का माहौल बन गया। एक महीने से जो डरे हुए लोग थे, शायद वे अपना डर भूल गए थे और मIनो कोई उत्सव मना रहे हों। मनोवैज्ञानिक तरीके से ही सही सब भारतीयों ने कोरोना वायरस को जैसे हरा दिया ।